संदेश

फ़रवरी, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिम्मत की कीमत

चित्र
  हिम्मत की कीमत-  नंदपुर नाम का एक छोटा सा गांव था। उसमें रामू और उसकी पत्नी लक्ष्मी रहते थे। उनके एक पांच साल का बैठा था। जिसका नाम चिंटु था। पर रामू और लक्ष्मी  बहुत ही गरीब थे। इसलिए गांव में कोई उनकी इज्जत नहीं करता थे। इस कारण रामू और लक्ष्मी बहुत दुखी रहते थे। रामू के पास एक बीघा जमीन थी। जमीन कम होने के कारण फसल भी कम होती थी इससे लक्ष्मी बहुत दुखी रहती थी घर का खर्च भी अच्छे से नहीं चला पाती थी। एक दिन लक्ष्मी ने रामू से कहा सुनो जी, हमें कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे हमारी आमदनी थोड़ी सी बढ़ जाए। रामू ने कहा क्या करें तुम्हें बताओ मुझे तो कोई उपाय नहीं सुजरहा। लक्ष्मी ने कहा अच्छा हमारे पास एक बीघा जमीन है इसमें हम खेती के बजाय सब्जियां ऊगाना शुरू करते हैं रामू ने कहा अच्छा ठीक है तुम जैसा चाहो वैसा ही  करो। लक्ष्मी अपनी कड़ी मेहनत से जमीन में सब्जियां उगाने के लिए मेहनत करने लगी उसने कुछ थोड़ी-थोड़ी सब्जियां अलग-अलग छोटे-छोटे क्यारियां बना कर ऊगाना शुरू कर दी। कुछ ही दिनों के बाद सब्जियों के पौधे बड़े हो गये। और उनमें फल आने शुरू हो गये। सब्जियों को देखकर लक्ष्...
चित्र
  कोलाबा कॉजवे, मुंबई - Colaba Causeway, Mumbai in Hindi आपने कभी न कभी मुंबई के कोलाबा का नाम जरूर सुना होगा। अगर आपको लगता है कि कोलाबा का मतलब कोयले से है, तो आप गलत है। मुंबई के कोलाबा इलाके के नाम के पीछे की कहानी कुछ और ही है। नई दिल्ली:  भारत में कई जगहें किसी न किसी खासियत के लिए जानी जाती हैं। कोई किसी इमारत के लिए मशहूर है, तो कोई किसी खास शख्सियत के लिए। वहीं कुछ जगहें तो अपने अजीबोगरीब नाम के लिए मशहूर हैं। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में तो ज्यादातर इलाकों की अलग कहानी है। आज हम आपको मुंबई के ऐसे ही एक इलाके 'कोलाबा' के बारे में बताने जा रहे हैं। कोलाबा का नाम अपने फिल्मों में जरूर सुना भी होगा। अगर आप ये सोचते हैं कि कोलाबा का संबंध कोयले से है, तो ऐसा नहीं है। इसके नाम की कहानी कुछ और ही है। कैसे नाम पड़ा कोलाबा? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोलाबा के नाम के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। इस इलाके का नाम कोलवन या कोलभट से आया है। इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि यहां कोली समाज के लोग यानी मछुआरे रहते थे, जिनके नाम पर इस इलाके का नाम कोलाबा पड़ गया। इसके साथ ही एक ...
चित्र
  बीकानेर का इतिहास   बीकानेर का इतिहास अपने आप में अनूठा है.  के उत्तर पश्चिमी राज्य राजस्थान के थार रेगिस्तान के बीच बसा है यह शहर. इस शहर को राजस्थान का दिल भी कहते है. इस शहर पर कई राजा और महाराजाओं ने बीकानेर पर शासन किया है. इस शहर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहशहर अपनी परम्परा ओर सौहार्द के लिए पुरी दुनिया भर में जाना जाता है. ऐसे में अपनी गंगा-जमुना संस्कृति को दर्शाती इस शहर की आबों हवा भी ऐसी है जहां एक बार कोई आता है तो यहीं का होकर रह जाता है. यहां के नमकीन और मिठाई पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है राव बीका (1465-1504 ई.) -  जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र राव बीका ने जांगल प्रदेश की ओर प्रस्थान कर करणी देवी के आशीर्वाद से अनेक छोटे-बड़े स्थानों एवं कबीलों को जीतकर जांगल प्रदेश में सन् 1465 में राठौड़ राजवंश की स्थापना की। राव बीका ने 1488 ई. में बीकानेर नगर की स्थापना कर उसे अपनी राजधानी बनाया। राव लूणकरण (1504-1526 ई.) - राव लूणकरण को कलयुग का कर्ण भी कहते है (बीठू सूजा के ग्रंथ 'जैतसी रो छंद' में इस नाम से पुकारा गया)। अपने बड़े भाई र...
चित्र
  जोधपुर में घूमने के लिए शीर्ष 14 स्थान और करने के लिए चीजें राजस्थान का जोधपुर एक राजपूत साम्राज्य की सीट थी जब राव जोधा ने मेहरानगढ़ किले में अपना किला बनाया था। यह शहर भारत और विदेशों में लोगों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। हर साल लाखों लोग भारतीय वास्तुकला की एक झलक पाने के लिए राजस्थान की यात्रा करते हैं और आसपास के रेगिस्तानी मैदानों का भ्रमण करते हैं। एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक शहर, जोधपुर भारतीय उपमहाद्वीप में एक जरूरी जगह है। पर्यटन स्थल और जोधपुर में करने के लिए चीजें यदि आप जोधपुर की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आपको जोधपुर के इन शीर्ष पर्यटन स्थलों पर एक नज़र डालने की आवश्यकता है, जिन्हें आपको अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल करना होगा: – मेहरानगढ़ किला जोधपुर में मेहरानगढ़ किला 15 वीं शताब्दी से भारतीय वास्तुकला का चमत्कार है। जोधपुर के प्रसिद्ध स्थानों में से यह स्थल 1,200 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। नीचे के मैदानों से लगभग 122 मीटर ऊपर स्थित, इसे राजपूत शासक राव जोधा ने बनवाया था। बहुत से  इसके परिसर के भीत...